नाराज़ सी है एक लड़की (That Angry Girl - Hindi Poem)
नाराज सी है एक लड़की मुझसे,
जाने क्यों बार बार मनाने को जी चाहता है.
कुछ ख्वाब अधूरे से रह गए थे उसके साथ,
ना होंगे पूरे पर फिर भी जान देने को जी चाहता है.
मन करता है कि बोल दूं कि बहुत कीमती हो तुम,
मगर कैसे बोलू बात ज़ुबान पे आ के रुक जाता है.
जानता हूं कि बहुत मानती है मुझको, मुझसे भी ज्यादा,
लेकिन क्या करूँ बार बार नाराज़ सा कर देता हूँ.
पता नही क्यों कब कैसे किन ख्यालो में रहता हूं,
प्यार है दिल में लेकिन बाहर न निकाल पता हूं.
भगवान अगर मेरी एक ख्वाहिश करनी हो पूरी ,
यही है आरज़ू की वो ख्वाहिश उसकी की हो पूरी.
वो बोलती है कि बात ना करूँगी अब तुमसे,
दिल में चुभ जाती है बात कोई तीर जैसे.
कहना चाहता हूँ कि बहुत खास हो तुम,
दूर नही हो दिल के बहुत पास हो तुम.
फिर से बोल रहा हूँ ध्यान से सुन लो,
प्यार बहुत है दिल मे चाहे तो जान भी लेलो.
ना कहना फिर से की बात ना करना है,
दिल बैठ जाता है जब ये सुनता हूँ.
नाराज सी है एक लड़की मुझसे,
जाने क्यों बार बार मनाने को जी चाहता है.
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रचनाकार - प्रमोद कुमार कुशवाहा
Image Credits : Pixabay
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