क्या प्यार इसी को कहते है (Is this called Love - Hindi Poem)
जब दिल की आवाज़ हो,
होंठो पे प्यार हो,
लफ़्ज़ों पे इज़हार हो,
और जीना भी दुश्वार हो,
क्या प्यार इसी को कहते हैं.
जब सावन मोहक लगती हो,
जब रातें लंबी लगती हो,
जब जून की भरी दुपहरी भी
ठंढा एहसास दिलाती हो,
क्या प्यार इसी को कहते है.
जब थका हुआ राही जैसे,
मन विचलित हो तन भारी हो,
पर जैसे तुमसे मिला गले
सब दुख का कोई पता नही,
क्या प्यार इसी को कहते है.
हो तुम कंचन दिल भी कंचन,
मैं जब भी खुश हो जाता हूं,
जब दिल की बात बताने को,
थोड़ा सा शर्मा जाता हूँ,
हां प्यार इसी को कहते है.
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Image Credits : Pixabay
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