ऊटी और कुन्नूर : नीलगिरी का स्वर्ग (Trip to Ooty & Coonoor - Hindi Blog)
ऊटी(Ooty ) एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है जिसे उदगमंडलम या उटकमण्ड के नाम से भी जाना जाता है। यह दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु में केरल के सीमा पर स्थित है। नीलगिरि की पहाड़ियों ( Nilgiri Hills ) में बसा ऊटी(Ooty) पर्यटकों को हमेशा आकर्षित करता रहा है। ऊटी का नाम सुनते ही हमारे मन में बॉलीवुड फिल्मों के अच्छे अच्छे सीन नज़र आने लगते है। पुणे में सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करते हुए हम लोग कहीं घूमने के बारे में प्लान कर ही रहे थे तभी ऊटी(Ooty) घूमने का ख्याल आया। हम लोगों ने ऊटी के बारे में रिसर्च किया तो लगा की बस अब यहीं जाना है। पुणे से रेलवे ट्रेन द्वारा मैसूर और वहां से ऊटी तक की बस यात्रा करना फाइनल हुआ। रात भर की यात्रा के बाद हम लोग मैसूर पहुंचे। एक पूरा दिन मैसूर में घूमने के बाद अगले दिन सुबह ऊटी के लिए हमारी बस थी। मन में बहुत ही उत्साह था। कुछ आवश्यक कार्य की वजह से मुझे ऑफिस से छुट्टी नहीं मिली थी इसलिए सॉफ्टवेयर कंपनी में मिलने वाला एक फायदा जिसे हम लोग वर्क फ्रॉम होम की सुविधा कहते है, लेने की वजह से कभी कभी अपना लैपटॉप खोलना पड़ता था।
खैर सुबह हम लोग मैसूर से ऊटी के लिए बस से निकले। यह करीब 125 किलोमीटर की यात्रा थी। गांव और कस्बों को पार करते हुए बस नीलगिरि की पहाड़ों(Nilgiri Hills) के पास पहुंचने लगी। नीलगिरि के पहाड़ बहुत ही हरे भरे थे। रास्ता कभी बहुत चढ़ाई वाला और कभी बहुत ही ढलान वाला था। पहाड़ी रास्तों से गुज़रते हुए नीचे दिखने वाली गहरी खाई कभी कभी डरा देती थी। अचानक ही हमारी बस पहाड़ के ऊपर जंगलों में रुक गयी। हम लोग बस रुकने का कारण पूछ ही रहे थे की सामने जंगली रास्ते को पार करता हाथिओं का एक झुण्ड दिखा। झुण्ड में करीब 10 - 12 हाथी थे। हाथी के छोटे बच्चे बेहद ही प्यारे लग रहे थे। तभी याद आया की हम लोग मुदुमलाई नेशनल पार्क(Mudumalai National Park) से होकर गुज़र रहे है जो हाथियों के लिए प्रसिद्ध है। हाथियों के झुण्ड के जाने के बाद ही हमारी बस आगे बढ़ी। करीब 4 घंटे की यात्रा के बाद हम लोग ऊटी बस स्टैंड पहुँचें। बस स्टैंड के पास ही हमारा होटल था जहाँ टैक्सी से हम लोग आसानी से पहुंच गए। लम्बी बस यात्रा से कारण बहुत थकान हो गयी थी। हम लोगों ने इस दिन आराम करने का फैसला किया और अगले दिन से सबसे पहले ऊटी(Ooty) से 20 किलोमीटर दूर स्थित कुन्नूर(Coonoor) जाने का कार्यक्रम बनाया।
➥ कुन्नूर (चाय के बागान) ( Coonoor Tea Garden )
तमिलनाडु के नीलगिरि जिले में बसा कुन्नूर(Coonoor) क़स्बा अपने खूबसूरत चाय के बागानों(Tea Gardens) के लिए मशहूर है। ऊटी से कुन्नूर तक का रास्ता जंगलों से घिरा हुआ है। हमारी कार खूबसूरत रास्तों पे आगे चली जा रही थी। रास्ते में पहाड़ों पर बने सुंदर घर और सीढ़ीदार खेत हमारा मन मोह रहे थे। जंगल में रास्ते के पास ही एक मंदिर था जहाँ शादी हो रही थी। स्थानीय पारंपरिक परिधानों में नवविवाहित जोड़े तथा शादी में उपस्थित लोग बहुत ही अच्छे लग रहे थे।
थोड़ी ही देर में कुन्नूर(Coonoor) के चाय के बागानों से ढके पहाड़ दिखाई देने लगे। रास्ते के एक ओर खाई थी दूसरी ओर पहाड़। पहाड़ों पर चाय के बागानों का हरा रंग सुकून देके वाला था। हम लोग एक अच्छे से जगह पर इन बागानों को देखने के लिए रुके। यहाँ कुछ फोटोग्राफर भी थे जो चाय के बागानों में पहने जाने वाली विशेष पोशाक और चाय के पत्तों को तोड़कर इक्कठा करने के लिए पीठ पर रखी जाने वाली बांस की डलिया के साथ फोटो खींच रहे थे। हम लोगो ने भी इस विशेष परिधान को पहन कर फोटो खिचवाया। चाय के बागानों के बीच में ही चाय की फैक्ट्री थी जहाँ पर चाय के पत्तों को प्रोसेसिंग करके दूसरे देशों और राज्यों में भेजा जाता था। यहाँ पर एक चाय की दुकान भी थी जहाँ आप 9 - 10 किस्मों की चाय का स्वाद चख सकते हैं और घर ले जाने के लिए खरीद भी सकते हैं। ऊटी से कुन्नूर तक टॉय ट्रैन(Toy Train) की मशहूर यात्रा करना भी एक बहुत ही अच्छा विकल्प है।
तमिलनाडु के नीलगिरि जिले में बसा कुन्नूर(Coonoor) क़स्बा अपने खूबसूरत चाय के बागानों(Tea Gardens) के लिए मशहूर है। ऊटी से कुन्नूर तक का रास्ता जंगलों से घिरा हुआ है। हमारी कार खूबसूरत रास्तों पे आगे चली जा रही थी। रास्ते में पहाड़ों पर बने सुंदर घर और सीढ़ीदार खेत हमारा मन मोह रहे थे। जंगल में रास्ते के पास ही एक मंदिर था जहाँ शादी हो रही थी। स्थानीय पारंपरिक परिधानों में नवविवाहित जोड़े तथा शादी में उपस्थित लोग बहुत ही अच्छे लग रहे थे।
थोड़ी ही देर में कुन्नूर(Coonoor) के चाय के बागानों से ढके पहाड़ दिखाई देने लगे। रास्ते के एक ओर खाई थी दूसरी ओर पहाड़। पहाड़ों पर चाय के बागानों का हरा रंग सुकून देके वाला था। हम लोग एक अच्छे से जगह पर इन बागानों को देखने के लिए रुके। यहाँ कुछ फोटोग्राफर भी थे जो चाय के बागानों में पहने जाने वाली विशेष पोशाक और चाय के पत्तों को तोड़कर इक्कठा करने के लिए पीठ पर रखी जाने वाली बांस की डलिया के साथ फोटो खींच रहे थे। हम लोगो ने भी इस विशेष परिधान को पहन कर फोटो खिचवाया। चाय के बागानों के बीच में ही चाय की फैक्ट्री थी जहाँ पर चाय के पत्तों को प्रोसेसिंग करके दूसरे देशों और राज्यों में भेजा जाता था। यहाँ पर एक चाय की दुकान भी थी जहाँ आप 9 - 10 किस्मों की चाय का स्वाद चख सकते हैं और घर ले जाने के लिए खरीद भी सकते हैं। ऊटी से कुन्नूर तक टॉय ट्रैन(Toy Train) की मशहूर यात्रा करना भी एक बहुत ही अच्छा विकल्प है।
➥ लैम्ब रॉक ( Lamb's Rock )
यह कुन्नूर(Coonoor) का बहुत ही मशहूर पिकनिक स्थल है। यहाँ की जानकारी के लिए हमलोगों ने एक गाइड रखा। नीलगिरि के पहाड़ों की ढलान पर बने इस स्थान से एक विशेष पहाड़ दिखता है जिसका आकार एक सोती हुई स्त्री की तरह होने के कारण स्लीपिंग लेडी माउंटेन(Sleeping Lady Mountain) कहते है। हरे जंगलों से घिरे पहाड़ बादलों के साथ एक बहुत ही मनमोहक दृश्य बनाते है। हमारे गाइड ने यहाँ हुए बॉलीवुड और दक्षिण भारतीय मशहूर फिल्मों की शूटिंग के बारे में बताया। यहाँ फोटो खींचने के लिए कुछ बहुत ही अच्छे पॉइंट है जहाँ हम लोगों ने भी ढेर सारे फोटो खींचे। लैम्ब रॉक(Lamb's Rock) पर काफी समय बिताने के बाद हम लोगों को वापस ऊटी(Ooty) के लिए निकलना था। ऊटी वापसी के क्रम में हम लोगो ने फिर से चाय के बागानों(Tea Gardens) का दर्शन किया और होटल वापस पहुंच गए।
➥ दोड्डाबेट्टा शिखर ( नीलगिरि के पहाड़ों का सबसे ऊँचा स्थान ) ( Doddabetta Peak )
ऊटी(Ooty) से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस चोटी पर आसानी से पहुँचा जा सकता है। यह शिखर नीलगिरि के सभी पहाड़ों में सबसे ऊँचा है। यहाँ मौसम विज्ञान केंद्र तथा दूरबीन घर भी है जहाँ से आप दूर दराज़ के खूबसूरत स्थानों को देख सकतें हैं। मौसम साफ़ रहने पर कोयम्बटूर के मैदानी क्षेत्र भी दिखाई देते हैं। यहाँ का मौसम बहुत ही ठंडा था और जोरों की बारिश हो रही थी। हम लोगों ने बारिश में भीगते हुए इस खूबसूरत जगह का भरपूर आनंद लिया। पूरे दिन हम लोग इस शिखर के आस पास ही रहे और जी भरकर मौज़ मस्ती करने के बाद हम लोग शाम को अपने होटल वापस आ गए।
➥ रोज गार्डन ( Rose Garden )
गुलाब के करीब 2000 किस्मों से भरा यह गार्डन देखने योग्य है। यह गार्डन किसी समतल जगह पर ना होकर एक छोटे से पहाड़ पर सीढ़ीदार आकार में है। हर तरह के रंगों और आकार के सुन्दर गुलाब के फूलों को देखकर मन खुश हो गया। इस गार्डन को ऊटी(Ooty) प्रशासन द्वारा बहुत ही अच्छे से सहेजकर रखा गया था। हम लोग एक एक करके सारी किस्मों को निहारते जा रहे थे क्योंकि इससे पहले अपने शहर में बस लाल, पीले और सफ़ेद रंग के गुलाब ही देखे थे। गुलाब की क्यारिओं में ही छोटे बोर्ड लगाकर इन किस्मों की पूरी जानकारी दी गयी थी जो पढ़ने में बहुत रोचक लग रही थी। फ़िल्मी अंदाज़ में बहुत सारी फोटो लेने और घूमने के बाद हम लोग अपने अगले गंतव्य की ओर बढ़े।
यह कुन्नूर(Coonoor) का बहुत ही मशहूर पिकनिक स्थल है। यहाँ की जानकारी के लिए हमलोगों ने एक गाइड रखा। नीलगिरि के पहाड़ों की ढलान पर बने इस स्थान से एक विशेष पहाड़ दिखता है जिसका आकार एक सोती हुई स्त्री की तरह होने के कारण स्लीपिंग लेडी माउंटेन(Sleeping Lady Mountain) कहते है। हरे जंगलों से घिरे पहाड़ बादलों के साथ एक बहुत ही मनमोहक दृश्य बनाते है। हमारे गाइड ने यहाँ हुए बॉलीवुड और दक्षिण भारतीय मशहूर फिल्मों की शूटिंग के बारे में बताया। यहाँ फोटो खींचने के लिए कुछ बहुत ही अच्छे पॉइंट है जहाँ हम लोगों ने भी ढेर सारे फोटो खींचे। लैम्ब रॉक(Lamb's Rock) पर काफी समय बिताने के बाद हम लोगों को वापस ऊटी(Ooty) के लिए निकलना था। ऊटी वापसी के क्रम में हम लोगो ने फिर से चाय के बागानों(Tea Gardens) का दर्शन किया और होटल वापस पहुंच गए।
➥ दोड्डाबेट्टा शिखर ( नीलगिरि के पहाड़ों का सबसे ऊँचा स्थान ) ( Doddabetta Peak )
ऊटी(Ooty) से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस चोटी पर आसानी से पहुँचा जा सकता है। यह शिखर नीलगिरि के सभी पहाड़ों में सबसे ऊँचा है। यहाँ मौसम विज्ञान केंद्र तथा दूरबीन घर भी है जहाँ से आप दूर दराज़ के खूबसूरत स्थानों को देख सकतें हैं। मौसम साफ़ रहने पर कोयम्बटूर के मैदानी क्षेत्र भी दिखाई देते हैं। यहाँ का मौसम बहुत ही ठंडा था और जोरों की बारिश हो रही थी। हम लोगों ने बारिश में भीगते हुए इस खूबसूरत जगह का भरपूर आनंद लिया। पूरे दिन हम लोग इस शिखर के आस पास ही रहे और जी भरकर मौज़ मस्ती करने के बाद हम लोग शाम को अपने होटल वापस आ गए।
➥ रोज गार्डन ( Rose Garden )
गुलाब के करीब 2000 किस्मों से भरा यह गार्डन देखने योग्य है। यह गार्डन किसी समतल जगह पर ना होकर एक छोटे से पहाड़ पर सीढ़ीदार आकार में है। हर तरह के रंगों और आकार के सुन्दर गुलाब के फूलों को देखकर मन खुश हो गया। इस गार्डन को ऊटी(Ooty) प्रशासन द्वारा बहुत ही अच्छे से सहेजकर रखा गया था। हम लोग एक एक करके सारी किस्मों को निहारते जा रहे थे क्योंकि इससे पहले अपने शहर में बस लाल, पीले और सफ़ेद रंग के गुलाब ही देखे थे। गुलाब की क्यारिओं में ही छोटे बोर्ड लगाकर इन किस्मों की पूरी जानकारी दी गयी थी जो पढ़ने में बहुत रोचक लग रही थी। फ़िल्मी अंदाज़ में बहुत सारी फोटो लेने और घूमने के बाद हम लोग अपने अगले गंतव्य की ओर बढ़े।
➥ बोटैनिकल गार्डन ( Botanical Garden )
यह गार्डन परिवार और मित्रों के साथ अच्छा समय बिताने के लिए सबसे उत्तम जगह है। हल्के हरे घाँस से ढका ढलानों वाला ऊँचा नीचा मैदान बहुत ही खूबसूरत था। यहाँ लोग समूहों में अपने परिवार के साथ बैठ कर आनंद ले रहे थे। इस पार्क में वनस्पतियों की ढेर सारी किस्में है। इन पेड़ पौधों में कुछ बेहद ही अनोखे रूप रंग के पौधे थे। बहुत प्रकार के कैक्टस, कमल के फूल, रंग बिरंगे फूलों और पत्तों वाले पेड़ पूरे पार्क की शोभा में चार चाँद लगा रहे थे। सभी पेड़ पौथों के पास बोर्ड पर इनके सामान्य तथा वैज्ञानिक नाम और जानकारी दी गयी थी। यहाँ बहुत की अच्छा वक़्त गुज़रा।
➥ पाइन फॉरेस्ट (चीड़ के पेड़ों वाला जंगल ) ( Pine Forest )
प्रकृति प्रेमियों के लिए यह जगह स्वर्ग के समान है। पहाड़ी ढलान पर बने इस चीड़ के जंगल में बॉलीवुड की थ्रिलर फिल्म 'राज़' तथा आमिर खान की फिल्म 'क़यामत से क़यामत तक' की शूटिंग हुई थी। सड़क के किनारे कार पार्क करके पैदल ही ढलानों पर उतरते हुए इन चीड़ के जंगलों को देखना कभी न भूलने वाला पल था। चीड़ के लंबे ऊँचे पेड़ों को पार करने पर कामराज सागर बांध(Kamraj Sagar Dam) दिखता है जो चिड़ियों के विभिन्न प्रजातियों के कारण प्रसिद्ध है। इस बांध के पास ही बॉलीवुड फिल्म 'रोज़ा' का क्लाइमेक्स सीन शूट किया गया था। कुछ देर बांध के पास बने छोटे से झील के पास बैठ कर पाइन फारेस्ट(Pine Forest) के रास्ते वापस आने लगें। वापसी में इन जंगलों की खूबसूरती को कैमरे में भी कैद किया।
➥ 6th माइल ( 6th Mile )
यह स्थान कुछ बेहतरीन लैंडस्केप से भरा हुआ था। नब्बे के दशक के बॉलीवुड के फ़िल्मी गानों में अक्सर दिखने वाला हरे घास के ऊँचे नीचे टीले वाला मैदान यही था। दूर तक मिट्ठी के ऊँचे नीचे टीले बहुत ही अच्छे दृश्य बनाते हैं। 6th माइल से एक तरफ चीड़ के पेड़ों से घिरे पहाड़ दिखाई देते हैं वही दूसरी ओर घाटियाँ और झील। ऊँचे स्थान पर होने के कारण बहुत ही ठंडी हवा लगती है जो सारे थकान को दूर कर देती है। यहाँ घांस के ऊपर बैठकर नज़ारों को देखना अद्भुत अनुभव है जो शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। यहाँ कैमरा ले जाना न भूलें। बारिश के समय मिट्टी गीले होने के कारण घूमने में थोड़ी मुश्किल आ सकती है।
➥ पायकरा झील और ऊटी बोट क्लब ( Paykara Lake and Ooty Boat Club )
पायकरा झील(Paykara Lake) ऊटी के अच्छे स्थानों में से एक है। चारों ओर पहाड़ों और जंगलों से घिरा यह झील बहुत सुंदर सा दिखता है। इस झील का पानी हरे रंग का नज़र आता है। झील के किनारे ही एक बोट क्लब है जहाँ से आप स्टीमर पर बैठ कर पूरे झील में घूम सकते हैं। स्टीमर पूरे झील का चक्कर लगाकर इसके आस पास की खूबसूरती से रूबरू कराती है। हम लोगों ने स्टीमर का भरपूर आनंद लिया। इस झील में जेट स्की भी होता है। बोट क्लब में सुबह थोड़ा जल्दी जाना चाहिए क्योंकि बोटिंग के लिए काफी लम्बी लाइन लगनी शुरू हो जाती है।
इसके अलावा ऊटी / कुन्नूर(Ooty & Coonoor) में और भी कुछ अच्छे स्थान जैसे सिम्प्स पार्क, 9th माइल, टॉय ट्रेन की सवारी, पायकरा फॉल्स भी घूम सकते हैं। ऊटी और कुन्नूर परिवार के साथ या नवविवाहित लोगों के घूमने के लिए बहुत ही उपयुक्त स्थान है।
➥ 6th माइल ( 6th Mile )
यह स्थान कुछ बेहतरीन लैंडस्केप से भरा हुआ था। नब्बे के दशक के बॉलीवुड के फ़िल्मी गानों में अक्सर दिखने वाला हरे घास के ऊँचे नीचे टीले वाला मैदान यही था। दूर तक मिट्ठी के ऊँचे नीचे टीले बहुत ही अच्छे दृश्य बनाते हैं। 6th माइल से एक तरफ चीड़ के पेड़ों से घिरे पहाड़ दिखाई देते हैं वही दूसरी ओर घाटियाँ और झील। ऊँचे स्थान पर होने के कारण बहुत ही ठंडी हवा लगती है जो सारे थकान को दूर कर देती है। यहाँ घांस के ऊपर बैठकर नज़ारों को देखना अद्भुत अनुभव है जो शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। यहाँ कैमरा ले जाना न भूलें। बारिश के समय मिट्टी गीले होने के कारण घूमने में थोड़ी मुश्किल आ सकती है।
➥ पायकरा झील और ऊटी बोट क्लब ( Paykara Lake and Ooty Boat Club )
पायकरा झील(Paykara Lake) ऊटी के अच्छे स्थानों में से एक है। चारों ओर पहाड़ों और जंगलों से घिरा यह झील बहुत सुंदर सा दिखता है। इस झील का पानी हरे रंग का नज़र आता है। झील के किनारे ही एक बोट क्लब है जहाँ से आप स्टीमर पर बैठ कर पूरे झील में घूम सकते हैं। स्टीमर पूरे झील का चक्कर लगाकर इसके आस पास की खूबसूरती से रूबरू कराती है। हम लोगों ने स्टीमर का भरपूर आनंद लिया। इस झील में जेट स्की भी होता है। बोट क्लब में सुबह थोड़ा जल्दी जाना चाहिए क्योंकि बोटिंग के लिए काफी लम्बी लाइन लगनी शुरू हो जाती है।
इसके अलावा ऊटी / कुन्नूर(Ooty & Coonoor) में और भी कुछ अच्छे स्थान जैसे सिम्प्स पार्क, 9th माइल, टॉय ट्रेन की सवारी, पायकरा फॉल्स भी घूम सकते हैं। ऊटी और कुन्नूर परिवार के साथ या नवविवाहित लोगों के घूमने के लिए बहुत ही उपयुक्त स्थान है।
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➜ ऊटी / कुन्नूर में ये करना ना भूलें : स्थानीय भोजन, चाय के बागानों में विभिन्न प्रकार के चाय का स्वाद , टॉय ट्रेन की सवारी, पायकरा झील में बोटिंग, फोटोग्राफी।
➜ ऊटी / कुन्नूर कैसे पहुँचे : निकटतम हवाई अड्डा कोयम्बटूर है जो ऊटी से 88 किलोमीटर दूर है। मेट्टुपलयम सबसे पास का रेलवे स्टेशन है जिसकी ऊटी से दूरी 40 किलोमीटर है। जहाँ के लिए चेन्नई, मैसूर, बंगलुरु इत्यादि जगह से ट्रेन आसानी से मिल जाता है। सड़क मार्ग से मैसूर और बंगलुरु से होते हुए भी आप ऊटी पहुँच सकते हैं।
➜ ऊटी / कुन्नूर जाने सबसे अच्छा समय : अक्टूबर से जून का समय ऊटी जाने के लिए सबसे उत्तम है। बारिश में ऊटी जाने से बचें।
➜ ऊटी / कुन्नूर जाने में लगने वाला समय : 4 दिन / 3 रात।
➜ ऊटी / कुन्नूर जाने में लगने वाला समय : 4 दिन / 3 रात।
For more information & feedback write email at : pktipsonline@gmail.com