नुब्रा घाटी : ठंडे रेगिस्तान में ऊंट की सवारी (Trip to Nubra Valley - Hindi Blog)

लद्दाख(Ladakh) के उत्तरी भाग में नुब्रा घाटी(Nubra Valley) स्थित है। लेह(Leh) से नुब्रा घाटी(Nubra Valley) की दूरी लगभग 160 किलोमीटर है। नुब्रा(Nubra) का स्थानीय भाषा में मतलब होता है फूलों की घाटी(Valley of Flower)। नुब्रा घाटी(Nubra Valley) में श्योक नदी(Shyok River) और नुब्रा नदी(Nubra River) के बहने के कारण लद्दाख(Ladakh) के अन्य भागों के अपेक्षा यहाँ बहुत हरियाली नजर आता है। लेह(Leh) से सुबह हम लोग नुब्रा घाटी(Nubra Valley) के लिए निकले। यह रास्ता दुर्गम पहाड़ों से होकर गुजरता है। कुछ समय के बाद लद्दाख(Ladakh) का प्रसिद्ध दर्रा(Mountain Pass) खारदुंगला(Khardung La) मिला। पहले यह स्थान दुनिया का सबसे ऊँचाई पर स्थित सड़क(Highest Motorable Place of World) था। यहाँ आस पास के पहाड़ बर्फ से ढके हुए थे जिसके कारण तापमान बहुत कम था। हम लोगों को यहाँ ऑक्सीजन का स्तर(Oxygen Level) भी काफी कम लगा। खारदुंगला(Khardung La) में पहाड़ के चोटिओं पर रंग बिरंगे तिब्बती झंडे बहुत अच्छे लग रहे थे। 

खारदुंगला(Khardung La) से आगे बढ़ने पर घाटी में श्योक नदी(Shyok River) नज़र आने लगी। रेतीले घाटियों के बीच से बहने के वजह से इसका पानी मटमैला दिख रहा था। कुछ दूर जाने के बाद रेत के टीलों(Sand Dunes) से भरी एक जगह आई। हमारे ड्राइवर फुंचोक आंगचोक(Phunchok Angchok) ने बताया की यहाँ रेत के टीलों(Sand Dunes) के ऊपर ए.टी.वी. राइड(ATV Ride or All Terrain Vehicle Ride) भी होता है जो बहुत ही रोमांच से भरपूर होता है। हम लोग भी ए.टी.वी राइड(ATV Ride) करने के लिए रुके। ए.टी.वी.(ATV or All Terrain Vehicle) एक विशेष प्रकार का चार पहियों वाला वाहन(Vehicle) होता है जिसके पहिये बहुत मोटे होते हैं। इस गाड़ी में रेत के ऊँचे नीचे टीलों पर चलना बहुत बेहतरीन और रोमांचक अनुभव था। कभी कभी तो ऐसा लग रहा था कि रेत में ये पलट जायेंगे लेकिन ये विशेष वाहन बहुत शक्तिशाली थे। हम सभी को ए.टी.वी राइड(ATV Ride) करना बहुत अच्छा लगा। 

इस रोमांच से भरपूर अनुभव का आनंद उठाकर हम लोग आगे बढ़ने लगे। आगे का रास्ता बहुत दूर तक समतल और सीधा होने की वजह से बहुत अच्छा लग रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने सफेद पत्थरों पर काली लकीर खींच दी हो।  कुछ देर बाद हम लोग नुब्रा घाटी(Nubra Valley) के एक बड़े गाँव दिस्कित(Diskit) पहुँच गए। दिस्कित(Diskit) में नुब्रा नदी(Nubra River) आकर श्योक नदी(Shyok River) नदी में मिल जाती है। दिस्कित(Diskit) में लगभग 350 वर्ष पुराना एक बहुत ही भव्य बौद्ध मठ(Monastery) है। दिस्कित मठ(Diskit Monastery) के पास पहाड़ के ऊपर भगवान बुद्ध की बेहद आकर्षक और विशाल मूर्ति है। यह स्थान सैलानियों में बहुत लोकप्रिय है। हम लोगों ने यहाँ बहुत सारे फोटो खींचे। यहाँ पर हम लोगों ने विशेष बेलनाकार प्रार्थना यंत्र(Cylindrical Spinning Prayer Wheel) को घुमाया जिसे स्थानीय भाषा में मानी(Mani) बोला जाता है। ऐसी मान्यता है कि मानी(Mani) घुमाने से सारे पाप(Sins) धुल जाते हैं। दिस्कित मठ(Diskit Monastery) से नुब्रा घाटी(Nubra Valley) का दृश्य बहुत मनमोहक लग रहा था। भगवान बुद्ध की मूर्ति के नीचे बने हॉल में कुछ अन्य मूर्तियाँ भी स्थापित थी। 

दिस्कित(Diskit) से कुछ आगे बढ़ने पर हम लोग नुब्रा घाटी(Nubra Valley) के दूसरे बड़े गाँव हुन्डर(Hunder) पहुँचे। यह एक बहुत सूखा स्थान था। चारों ओर रेत के टीले(Sand Dunes) नज़र आ रहे थे। वर्ष 1947 से पहले हुन्डर(Hunder) के रास्ते मध्य एशिया(Middle Asia) तक घोड़ों और दो कूबड़ वाले ऊंटों(Double Hump Camel) से व्यापार होता था। अत्यंत आकर्षक दिखने वाले इन्हीं दो कूबड़ वाले ऊंटों(Double Hump Camel) को देखने और सवारी करने लोग हुन्डर(Hunder) आते हैं। हम लोग रेत के टीलों(Sand Dunes) पर दो कूबड़ वाले ऊंटों(Double Hump Camel) की सवारी करने के लिए गए। इन बेहद प्यारे ऊंटों पर बैठ कर हुन्डर(Hunder) के ठंडे रेगिस्तान में घूमने का अनुभव बहुत अच्छा था। धीमी गति से ये ऊंट रेगिस्तान में एक कतार में आगे बढ़ रहे थे। इन ऊंटों के साथ में ऊंट के बच्चे भी चल रहे थे।  सब कुछ बहुत अच्छा लग रहा था। काफी देर तक दो कूबड़ वाले ऊंटों(Double Hump Camel) की सवारी करने के बाद हम लोग श्योक नदी(Shyok River) के पानी में पैर डाल कर बैठे रहे। शाम हो चुकी थी लेकिन हुन्डर(Hunder) का माहौल बहुत अच्छा था। रात को हम लोग हुन्डर(Hunder) में ही रुकने वाले थे। 

नुब्रा घाटी(Nubra Valley) से आगे ही दुनिया का सबसे ऊँचा युद्ध क्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर(Siachen Glacier) है। यहाँ हम लोगों ने तुरतुक गाँव(Turtuk Village) के बारे में सुना। यह वर्तमान में भारत का आखिरी गाँव है। इसके बाद पाकिस्तान नियंत्रित गिलगित-बाल्टिस्तान का इलाका शुरू होता है। वर्ष 1971 से पहले तुरतुक गाँव(Turtuk Village) पाकिस्तान के नियंत्रण में था। लद्दाख(Ladakh) आने वाले लोगों में तुरतुक गाँव(Turtuk Village) बहुत लोकप्रिय है। 

नुब्रा घाटी(Nubra Valley) में बिताया गया यह दिन हमारे जिंदगी के सबसे अच्छे दिनों में से एक था। लद्दाख(Ladakh) की नुब्रा घाटी(Nubra Valley) अपने आप में एक बहुत अद्भुत स्थान है। यहाँ आकर आपको बहुत अच्छा एहसास होगा। हुन्डर(Hunder) घाटी में दो कूबड़ वाले ऊंटों(Double Hump Camel) को देखना और उसकी सवारी करना एक सुखद अनुभव था। आप कभी भी लद्दाख(Ladakh) आइये तो नुब्रा घाटी(Nubra Valley) जरूर आइये। 
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नुब्रा घाटी में ये करना ना भूलें  : हुन्डर में दो कूबड़ वाले ऊँट की सवारी, नुब्रा घाटी में ए.टी.वी राइड, दिस्कित मोनेस्टरी को देखना, फोटोग्राफी।
नुब्रा घाटी कैसे पहुँचे  : नुब्रा घाटी आने के लिए लद्दाख की राजधानी लेह आना पड़ता है। निकटतम हवाई अड्डा लद्दाख की राजधानी लेह में है। सड़कमार्ग से लद्दाख पहुँचने के दो रास्ते हैं। श्रीनगर से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या - 1(NH-1) से लद्दाख आ सकते हैं। दूसरा रास्ता मनाली से लद्दाख आने का है। दोनों ही रास्ते बहुत सुन्दर और रोमांच से भरपूर हैं। लद्दाख अभी रेलमार्ग से नहीं जुड़ा हुआ हैं।   
नुब्रा घाटी जाने सबसे अच्छा समय : लद्दाख के नुब्रा घाटी में घूमने का सबसे अच्छा समय गर्मियों में अप्रैल से जुलाई तक का हैं। 
नुब्रा घाटी जाने में लगने वाला समय  : 2 दिन / 1 रात










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