वासोटा किला : घने जंगल में ट्रैकिंग(Trekking to Vasota Fort - Hindi Blog)
पश्चिम महाराष्ट्र के सातारा(Satara) जिले में स्थित वासोटा किला(Vasota Fort) ट्रैकिंग में रुचि रखने वाले लोगों के लिए एक पसंदीदा स्थान है। घने जंगल में किया जाने वाला यह ट्रैक सह्याद्रि टाइगर रिज़र्व(Sahyadri Tiger Reserve) से होकर गुज़रता है। सातारा शहर से सड़कमार्ग द्वारा करीब 45 किलोमीटर दूर स्थित बामणोली(Bamnoli) गाँव जाना होता है। यह रास्ता महाराष्ट्र की फूलों की घाटी(Valley of Flower) कास पठार(Kaas Pathar) से होकर जाता है। बामणोली(Bamnoli) गाँव शिवसागर झील(Shivsagar Lake) के किनारे स्थित है। यह एक बहुत ही विशाल झील है जिसकी लम्बाई 50 किलोमीटर के आसपास है।
मुझे महाराष्ट्र के दुर्गम स्थानों पर बने किले हमेशा से आकर्षित करते रहे हैं। वासोटा किले(Vasota Fort) के बारे में जानकर मुझे इस ट्रैक पर जाने का हमेशा से मन था। एक दिन यहाँ ट्रैकिंग करने का कार्यक्रम बना और हम सभी दोस्त एक अलसाई सुबह के करीब 3 बजे पुणे से सातारा के बामणोली(Bamnoli) गाँव की ओर निकल पड़े। पुणे से बामणोली की दूरी 150 किलोमीटर है जिसे हमने करीब 3 घंटे में पूरा किया। सुबह के समय शिवसागर झील(Shivsagar Lake) के किनारे दृश्य बहुत अच्छा नज़र आ रहा था। नाश्ता करने के बाद नाव का टिकट लेकर हम लोग नाव से झील के दूसरे छोर पर स्थित वासोटा किले(Vasota Fort) की ट्रैकिंग के प्रारंभिक स्थान की ओर बढ़ने लगे।
शिवसागर झील(Shivsagar Lake) काफी गहरी थी तथा इसके चारों ओर पहाड़ और जंगल हैं। यह झील का निर्माण कोयना बाँध से कोयना नदी के रुकावट के कारण बनी है। झील के अंदर हमारी नाव तेज़ी से आगे बढ़ती जा रही थी। इसके पानी में उफनाती लहरें बहुत सुन्दर लग रही थी। लगभग 2 घंटे में हमारी नाव ट्रैकिंग के गंतव्य स्थान पर पहुँच गयी। सामने काफी दूर तक पहाड़ ही पहाड़ नज़र आ रहे थे। इन्ही पहाड़ की छोटी पर वासोटा किला(Vasota Fort) स्थित है। नाव से उतरकर थोड़ा चलने के बाद सह्याद्रि टाइगर रिज़र्व का मुख्य द्वार आ जाता है। यहाँ पर इस जंगल में ट्रैकिंग करने के लिए वन विभाग से अनुमति लेना पड़ता है। इन औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद हम लोग जंगल के अंदर आगे बढ़ने लगे।
यह बहुत घना जंगल है जिसमें तमाम किस्म के पेड़ पौधे और जीव जंतु रहते हैं। जंगल में पगडंडियों पर चलना एक अच्छा एडवेंचर दे रहा था। रास्ते चढ़ाई और ढलान से होकर बने थे। कुछ आगे बढ़ने पर एक प्राकृतिक जल का स्रोत(Natural Water Source) दिखाई दिया। यहाँ का पानी बहुत साफ था और लोग बोतल में भरकर इसे पी रहे थे। हम लोगों को भी बहुत प्यास लगी थी और हमने भी इस पानी का स्वाद लिया। कुछ समय यहाँ गुजरने के बाद फिर से आगे चलने लगे। घने जंगलों में चलने के बाद हम उस पहाड़ के बहुत करीब आ गए जहाँ ऊपर चोटी पर वासोटा किला(Vasota Fort) बना है। अब आगे का रास्ता कठिन होने लगा था। पत्थर और मिट्टी से भरे रास्तों पर पैर फिसल भी रहे थे। काफी सावधानी से चलने के बाद भी मैं दो बार गिरा भी। लेकिन साहसिक ट्रैकिंग में यह सब आम बात है। कठिन रास्तों पर 2 घंटे ट्रैकिंग करने के बाद हम लोग पहाड़ के चोटी पर बने वासोटा किले पर पहुँच गए। यहाँ से सहयाद्रि घाट के पहाड़ बहुत सुन्दर लग रहे थे। जिस झील से हम लोग आये थे वह झील भी घने जंगलों में बहुत दूर नज़र आ रही थी।
हम लोग बहुत थक गए थे। भूख भी जोरों की लग रही थी। किले के अंदर ही पेड़ों के नीचे बैठकर हम लोगों ने खाना खाया। थोड़ा आराम करने के बाद हमने घूमकर वासोटा किले को देखा। हमने यहाँ फोटोग्राफी भी किया। कुछ अच्छा समय बिताने और नज़ारों को देखने के बाद अब वापस पहाड़ से उतरने का समय था। धीरे धीरे संयम के साथ पहाड़ से उतरने के बाद हम लोग फिर से जंगल के रास्ते को पार करके नाव के पास पहुँच गए। नाव में आराम से बैठकर अपनी थकान मिटाते हुए तथा ऊँचे पहाड़ों और घने जंगलों को निहारते हुए हम वापस बामणोली(Bamnoli) गाँव की ओर बढ़ने लगे।
वासोटा किले(Vasota Fort) की यह ट्रैकिंग एक बहुत ही शानदार और साहसिक ट्रैकिंग हैं। हमें इस ट्रैकिंग को पूरा करने में बहुत ही मज़ा आया। शहर की भागती जिंदगी से दूर सहयाद्रि के पहाड़ों और घने जंगलों में आना हमेशा से अच्छा अनुभव देता है। यहाँ के ट्रैकिंग से हमारा आत्मविश्वास तो बढ़ता ही है साथ ही साथ प्रकृति के गोद में कुछ अच्छा समय गुज़ारने का मौका भी मिलता है। इसके साथ ही वासोटा का किला(Vasota Fort) हमें छत्रपति शिवाजी महाराज की अद्भुत वीरगाथा और मराठा साम्राज्य की अतुलनीय रण कौशल का साक्षात् दर्शन भी करवाता है। जब भी आपको मौका मिले आप यहाँ वासोटा के किले(Vasota Fort) की ट्रैकिंग पर ज़रुर आइये।
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